इस दिन कुत्तों को फूलों की माला पहनाई जाती है, आशीवार्द का प्रतीक तिलक लगाया जाता है और उन्हें त्यौहारों के खाने के साथ मिठाइयाँ भी खिलाई जाती. हिंदु धर्मग्रंथ महाभारत के अनुसार धर्मराज युधिष्ठिर की स्वर्ग की यात्रा में उनके कुत्ते ने उनका साथ दिया था.
पुलिस के प्रशिक्षण स्कूल में 51 कुत्ते हैं जिन्हें इस त्यौहार पर सम्मान दिया जाता है. राहत और बचाव कार्यों के अलावा अपराधियों को पकड़ने, विस्फोटकों और नशीले पदार्थों का पता लगाने और गश्त लगाने में इन कुत्तों की अहम भूमिका होती है. पड़ोस के अन्य कुत्तों की भी इस दिन किस्मत चमक सकती है.
प्रशिक्षण स्कूल के कुत्तों में से बहुत से पिल्ले हैं. इनमें से कुछ का जन्म परिसर में ही हुआ है और कुछ बाहर से हैं. काठमांडू के बहुत से आवारा कुत्तों को भी इस दिन मालाएँ पहनाई जाती हैं. लेकिन वर्ष के बाकी समय इनके साथ आमतौर पर अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता. बहुत से कुत्तों को कूड़े से भोजन तलाशना पड़ता है.
कहते हैं कि हर कुत्ते का एक दिन आता है. कुत्तों के प्रशिक्षण स्कूल में माना जाता है कि जैसी निकटता कुत्ते और आदमी में होती है वैसी किसी और जानवर की नहीं होती.
काश कि जानवरों के साथ हमेशा मानवतापूर्ण व्यवहार होता !!!
सामग्री एवं तस्वीरें बीबीसी हिंदी से साभार
1 टिप्पणी :
एकदम नई जानकारी । दैसे कुत्ते के वफादारी के किस्से तो काफी मशहूर हैं । फर पडौसी देश में त्यौहार पर इन्हें सम्मान दिया जाता है यह एक बहुत अच्छी बात है । हमारे देश में भी धनतेरस के पहले दिन गाय और बछडे की पूजा की जाती है और उन्हें गेहूं और गुड खिलाया जाता है ।
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