ग्लोबल वार्मिंग की वजह से वह जमीन छिनती जा रही है, जो पेंग्विन के बच्चों के बढ़ने के लिए जरूरी है. असल में पेंग्विन सी-आइस (वह बर्फ जो अंटार्कटिका में सबसे कम तापमान के दिनों में समुद्र के पानी से बनती है) अंडे देती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन और जरूरत से ज्यादा मछली मारने की वजह से पेंग्विन के लिए भोजन की कमी भी एक समस्या बन रही है.
वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड के अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्यक्रम के डायरेक्टर अन्ना रिनॉल्ड्स ने बताया कि अंटार्कटिका, धरती के तापमान में हो रही औसत बढ़ोतरी की तुलना में 5 गुना तेजी से गर्म हो रहा है. 26 साल में बर्फ में 40 फीसदी तक की कमी आई है. इस गिरावट की वजह से 'क्रिल' (बर्फ में रहने वाले झींगे जैसे जीव) की संख्या तेजी से घटी है, जो पेंग्विन का मुख्य भोजन माना जाता है.
चित्र: साभार विकी
3 टिप्पणियां :
बहुत बढ़िया सराहनीय
यह तो बहुत ही शानदार चिट्ठा है. पर्यावरण पर इतने प्रभावी तरीके से जानकारी देने का कार्य बेहद प्रशंसनीय है. लेकिन आप अपने बारे में कुछ नहीं बता रहे भाई, ऐसा क्यों? कृपया इस सिलसिले को निरंतर कायम रखें. आपकी आवाज जरूर सुनी जाएगी.
बहुत अच्छी जानकारी, इस पोस्ट को पढ़ने के बाद फिल्म 'हैप्पी फीट' याद आ गई और दुबई डीपीएस स्कूल में वार्षिक उत्सव पर्यावरण को लेकर ही मनाया गया था.
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