केम्पथोर्न ने कहा कि ईएसए के कानूनी मानकों ने ध्रुवीय भालू को खतरे में पड़ी प्रजातियों की सूची में डालने को बाध्य किया है, लेकिन मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस प्रजाति के कानून की सूची में दर्ज होने से विश्व में जलवायु परिवर्तन या समुद्र में बर्फ पिघलना नहीं रुकेगा। किसी भी बड़े निराकरण के लिए सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को कदम उठाना होंगे। केम्पथोर्न ने अलास्का और ब्यूफोर्ट सी के टापूओं में ध्रुवीय भालुओं पर नजर रखने के लिए बड़े कदम उठाने की बात कही है। उन्होंने विदेशी सरकारों से भी इस प्रजाति के बचाव के लिए सहयोग करने को कहा है।
विश्व में मौजूद कुल 25 000 ध्रुवीय भालुओं की संख्या में से दो तिहाई भालू कनाडा में हैं। इसके बाद भी वहां की सरकार ने इसे खतरे में पड़ी प्रजातियों की सूची में नहीं डाला है। कनाडा की एक पैनल ने पिछले महीने वहां की सरकार से ध्रुवीय भालू को बचाने के लिए कदम उठाने का निवेदन किया था।
इस प्रजाति के प्रति विशेष चिंता जताई गई है लेकिन इसे विलुप्त होने की कगार पर नहीं बताया गया है। केम्पथोर्न ने हालांकि कहा कि अगर ऐहतियात के कदम नहीं उठाए गए तो धुव्रीय भालू के भविष्य में विलुप्ति की कगार पर पहुंचने की संभावना है।
1 टिप्पणी :
महत्वपूर्ण ....विचारणीय जानकारी.
शुक्रिया
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डा.चंद्रकुमार जैन
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