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शुक्रवार, 16 मई 2008

धीरे-धीरे मरुस्थल में बदला था सहारा

एक नए शोध के अनुसार अफ्रीका का सहारा क्षेत्र लगातार हरियाली घटते जाने की वजह से करीब 2700 साल पहले विश्व के सबसे बड़े मरुस्थल में तब्दील हो गया। हालाँकि पहले की खोज में कहा जाता रहा है कि जलवायु में अचानक परिवर्तन होने से ऐसा हुआ था। उत्तरी अफ्रीका में स्थित सहारा करीब छह हजार साल पहले काफी हराभरा था और वहाँ पेड़ों की अच्छी संख्या थी। इसके अलावा वहाँ कई बड़ी झीलें भी हुआ करती थीं।

यूरोप, अमेरिका और कनाड़ा के वैज्ञानिकों के एक दल के शोध के अनुसार ऑस्ट्रेलिया से भी बड़े भाग में फैले सहारा में आबादी भी थी और पर्याप्त हरियाली भी। सहारा क्षेत्र में भौतिक बदलाव की कहानी का ब्यौरा देने वाले अधिकतर तत्व नष्ट हो चुके हैं लेकिन वैज्ञानिकों ने सहारा में मौजूद कुछ बड़ी झीलों में से एक योआ की विभिन्न परतों का अध्ययन किया। योआ उत्तरी चाड में स्थित है। वहाँ किए गए अध्ययन से नई जानकारी सामने आई जो पुरानी मान्यताओं के विपरीत है।


नए अध्ययन में शामिल वैज्ञानिक स्टीफन क्रोपलिन का कहना है कि ताजा तथ्य प्रचलित मान्यताओं के विपरीत है। पुरानी मान्यताओं के अनुसार करीब 5500 साल पहले हरियाली में तेजी से कमी आने के कारण मरुस्थल का विस्तार हुआ और सहारा विश्व का सबसे बड़ा रेगिस्तान बन गया। इसके पहले 2000 में कोलंबिया विश्वविद्यालय के पीटर दि मेनोकल द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार सहारा की जलवायु में तेजी से बदलाव हुआ था।


क्रोपलिन ने कहा कि योआ झील से मिले तथ्य विपरीत कहानी कहते हैं और सहारा के मरुस्थल में तब्दील होने में समय लगा। उन्होंने कहा कि मेनोकल के आँकड़े गलत नहीं हैं लेकिन उनकी गलत व्याख्या की गई।

1 टिप्पणी :

मीनाक्षी ने कहा…

बहुत दिनों बाद आप दिखाई दिए शायद प्रकृति का आर्तनाद सुनकर आपके दिल में भी हलचल हुई... प्रकृति के रुदन को सुनकर मानव को आगाह करने का समय है नहीं तो अनर्थ होने में देर नहीं.

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