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गुरुवार, 6 दिसंबर 2007

ग्लोबल वार्मिग से चिंतित लोगों का प्रदर्शन

इंडोनेशिया के प्रशांत द्वीपों में रहने वाले लोगों ने ग्लोबल वार्मिग के कारण डूबते अपने घरों की ओर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है. वे पूछ रहे है कि समुद्र के बढ़ते जलस्तर से उनके घरों को कौन बचाएगा? जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर यहां हो रहे सम्मेलन में दुनिया भर के 187 देशों के 10000 से ज्यादा प्रतिनिधि भाग ले रहे है.

ग्लोबल वार्मिग के खतरे से निपटने के लिए संमेलन में तय की जा रहीं नीतियों को जल्द से जल्द लागू किए जाने की मांग करते हुए टोंगा, किरीबती, बाउगेनविले और टॉरेस द्वीपों के लोगों ने अपने पारंपरिक गानों, नृत्य और चित्रों के माध्यम से खुद पर ग्लोबल वार्मिग के प्रभावों को दर्शाया.

पारंपरिक गाने के रूप में अपनी पीड़ा और भय का इजहार करते हुए वे कह रहे है कि अब मछली पकड़ना बहुत मुश्किल हो गया है और पेड़ लगातार गिर रहे है. समुद्र हमारे पास आता जा रहा है और हमारी जमीन को निगल रहा है. बाउगेनविले के कार्टरेट्स द्वीप से इस प्रदर्शन में हिस्सा लेने आर्ई उरसुला राकोवा ने कहा कि अगर पश्चिमि देश हमें अपने यहां बसाने की पेशकश करते हैं तो उनके साथ मिल कर हमारी संस्कृति नष्ट हो जाएगी. हम नहीं चाहते कि हमारे साथ ऐसा हो.

1 टिप्पणी :

समयचक्र ने कहा…

ग्लोबल वार्मिंग के मुद्दे पर प्रदर्शन करना जायज है बहुत बढ़िया समाचार धन्यवाद

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