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सोमवार, 19 नवंबर 2007

लाखों रोजगार लीलेगा जलवायु परिवर्तन

पृथ्वी पर हो रहे जलवायु परिवर्तन के कारण रोजगार के लाखों अवसर खत्म हो सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र की जलवायु एवं मौसम विज्ञान एजेंसियों के प्रमुखों का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण दुनियाभर में मछली पालन क्षेत्र और पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है तथा लाखों की तादाद में लोग बेरोजगार हो सकते हैं.

हालाँकि ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए बड़ी संख्या में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होने की भी संभावना व्यक्त की गई है. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक अचीम स्टेनर का कहना है कि पर्यावरण प्रौद्योगिकी क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे, ताकि ग्लोबल वार्मिंग के अवसर को कम किया जा सके.

उन्होंने कहा कि अमेरिका में पर्यावरण क्षेत्र में रोजगार वृद्धि हो रही है तथा जर्मनी में 2020 तक पर्यावरण क्षेत्र ऑटो मोबाइल्स क्षेत्र में आगे निकल जाएगा. ग्लोबल वार्मिंग के परिणामस्वरूप समुद्र के जल स्तर में अस्वाभाविक वृद्धि तथा मौसम चक्र में परिवर्तन से निपटने के उपायों की अपरिहार्यता नवीन व्यावसायिक पद्धतियों की खोज का कारण बन रही है. तापमान में वृद्धि से तेज समुद्री तूफान, सूखा, बाढ़ आदि के कारण करोड़ों लोगों को विस्थापन की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है.

विश्व मौसम विज्ञान संगठन के महासचिव मिशेल जेरौड का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग से 70 प्रतिशत व्यवसाय के तौर-तरीकों पर प्रभावी असर पड़ना तय है. उन्होंने कार्बन डाई आक्साइड उत्सर्जन रोकने के उपायों पर तत्काल ध्यान दिए जाने की जरूरत व्यक्त की. जेरौड का कहना है कि विश्वस्तर पर कई बड़े परिवर्तनों पर विचार किया जा रहा है, जो उतना ही असरदार होगा जितनी औद्योगिकी क्रांति हुई थी.

पर्यानाद्: ऐसे न जाने कितने और खतरे हैं जिन्‍हें एक न एक दिन हमें सामना करना ही पड़ेगा. क्‍या हम इनसे निपटने में सक्षम हैं.

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