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मंगलवार, 13 नवंबर 2007

एक गंभीर त्रासदी: काला सागर में तेल

इंसान की गतिविधियां पर्यावरण को सबसे गंभीर क्षति पहुंचा रही हैं. पारिस्थितिकी को मानव सभ्‍यता के विकास की कितनी गंभीर कीमत चुकानी पड़ रही है, यह इस दुर्घटना से जाना जा सकता है. प्रकृति के कुपित होने के पीछे भी मानव की गतिविधियां ही जिम्‍मेदार हैं. कोई डेढ़ दशक पहले कुवैत पर इराकी कब्‍जे के बाद हुए खाड़ी युद्ध के दौरान इराक ने समुद्र में कच्‍चा तेल बहा कर पर्यावरण को गंभीर क्षति पहुंचाई थी. अब तूफान में दुर्घटनाग्रस्‍त एक जहाज के डूबने से फिर वही मंजर नजर आ रहे हैं. ऐसी घटनाओं में निरीह वन्‍य या समुद्री जीवों को किस तरह गंभीर हानि होती है, इसे चित्र में देख कर साफ समझा जा सकता है. पढ़ें हृदय को व्‍यथित कर देने वाली ऐसी ही एक रिपोर्ट:

तूफान के चलते यूक्रेन के काला सागर तट पर एक रूसी तेल टैंकर के पलट जाने से उसमें लदा 1300 टन तेल पानी में फैल गया. पर्यावरणविदों ने चेतावनी दी है कि इससे पारिस्थितिकी को खतरा पैदा हो सकता है. अजोव सागर से 108 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चली तेज हवाओं के कारण तीन अन्य मालवाहक जहाज भी समुद्र में डूब गए. इनमें से दो जहाजों में गंधक लदा था. इतना ही नहीं, मौसम में आई खराबी के चलते बहुत से अन्य जहाज और 20 नाविक लापता बताए जा रहे हैं.

अधिकारियों ने बताया कि रूस के व्यस्त व्यावसायिक बंदरगाह कावकाज से कुल 40 जल वाहन रवाना हुए थे, जबकि तूफान की वजह से 10 अन्य को बंदरगाह पर ही रोक लिया गया. अधिकारियों ने कहा कि लगभग 300 किलोमीटर पश्चिम में तेज हवाओं ने एक मालवाहक जहाज को डुबो दिया. इस पर 17 नाविक सवार थे जिनमें से दो को बचा लिया गया और 15 अब भी लापता हैं. केर्च स्ट्रेट में डूबे एक अन्य जहाज पर सवार पाँच नाविक भी लापता हैं.

रूसी पर्यावरण समूह एकोजाशचिता के प्रमुख व्लादिमीर स्लिवायक ने कहा कि यह पारिस्थितिकी के लिए गंभीर खतरा है. तेल फैलने से समुद्र में जो प्रदूषण फैला है, उसकी सफाई करने में लंबा वक्त लगेगा और इसके परिणाम एक साल या इससे भी अधिक समय में सामने आएँगे. रूसी सरकार की पर्यावरण निगरानी एजेंसी के प्रमुख ओलेग मितवोल ने कहा कि यह एक गंभीर पर्यावरण खतरा है और इसके लिए काफी काम किए जाने की जरूरत है.

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