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सोमवार, 12 नवंबर 2007

दस हजार घोड़ों को मारने का आदेश

कभी-कभी प्रकृति की सुंदर चीजों से प्रकृति का ही नुकसान हो जाता है, जैसा कि आस्ट्रेलिया में घोड़ों से हो रहा है. इसी के मद्देनजर उत्तरी आस्ट्रेलिया के एक राज्य क्वींसलैंड ने दस हजार घोड़ों को गोली मारने का आदेश दिया है. इन घोड़ों को ब्रम्बीज कहा जाता है. इसका कारण उनके द्वारा राष्ट्रीय उद्यान के आवासीय जीव-जंतुओं और वनस्पति का नुकसान होना बताया गया है.

ब्रिस्बेन के एक अखबार कूरियर मेल ने शनिवार को बताया कि राज्य सरकार ने शूटरों को कहा है कि वे मारने के बाद घोड़ों के शवों को छुपा दें. पर्यावरण मंत्री लिंडी नेल्सन कार ने क्वींसलैंड के प्रमुख पीटर बेटी से कहा कि कुछ समूहों ने जरूर इस बात की आलोचना की थी, लेकिन पर्यावरण की सुरक्षा के लिए यह जरूरी था. अखबार के मुताबिक अभी तक चार हजार जंगली घोड़ों को गोली मारी जा चुकी है. अभी दस हजार घोड़ों को मारे जाने की योजना है.

शूटरों को इन ब्रम्बीज को मारने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. क्वींसलैंड के सतत विकास मंत्री एंड्रयू मैकनामरा कहते हैं कि मानवीय पक्ष को ध्यान में रखकर घोड़ों को सीने में गोली मारी जाती है ताकि उन्हें दर्द कम हो. हालांकि मानवाधिकार कार्यकर्ता इसे एक बेहद जंगली और अमानवीय कृत्य करार देते हैं.

पर्यानाद्: सवाल उठता है कि क्‍या यह अमानवीय कदम इस समस्‍या का सही समाधान है? क्‍या घोड़ों को गोली मारने से पहले क्‍वींसलैंड की सरकार ने इस बात की जांच नहीं कराई कि आखिर क्‍यों ऐसे हालात निर्मित हो गए? पर्यावरण की रक्षा के नाम पर जीव हत्‍या को कैसे जायज ठहराया जा सकता है? हैरत की बात है कि ऑस्‍ट्रेलिया जैसे विकसित और उच्‍च साक्षरता वाले देश में भी ऐसी बर्बर कार्रवाई का कोई विरोध नहीं किया गया और इतने बड़े पैमाने पर घोड़ों की हत्‍या का काम जारी है.

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