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शनिवार, 17 नवंबर 2007

राजनेता भी अब जान जाएंगे

दुनिया के कई देशों की सरकारों की समिति (आईपीसीसी) राजनीतिज्ञों को चेतावनी देने जा रही है कि जलवायु परिवर्तन का असर अचानक दिख सकता है और यह दूरगामी होने के साथ-साथ अपरिवर्तनीय भी हो सकता है. समिति की इस रिपोर्ट में कहा जाएगा कि लाखों लोग तापमान में होने वाली वृद्धि से प्रभावित होंगे और कोई एक तिहाई प्रजातियाँ इसके कारण नष्ट हो जाएँगीं. यह जानकारी बीबीसी की एक खबर में दी गई है.

खबर के मुताबिक आईपीसीसी की रिपोर्ट को अंतिम रुप दे दिया गया है और संभावना है कि स्पेन में चल रहे सम्मेलन में आज इसे स्वीकार कर लिया जाएगा. यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून आज जारी करने वाले हैं. ख़बरें हैं कि इस रिपोर्ट को अंतिम रुप देने के लिए गर्मागर्म बहसें हुई हैं लेकिन अमेरिका का ज़ोर था कि इसकी भाषा को संतुलित रखा जाए. नोबेल शांति पुरस्कार से पुरस्कृत संस्था आईपीसीसी की यह अंतिम रिपोर्ट उन तीन रिपोर्टों के महत्वपूर्ण बिंदुओं को भी समेटेगी जिन्हें आईपीसीसी पहले ही जारी कर चुकी है.

कड़ी चेतावनी: इस अंतिम रिपोर्ट में जिन बिंदुओं पर ज़ोर रहेगा उनमें एक तो यह है कि जलवायु परिवर्तन का असर साफ़ दिखाई दे रहा है, दूसरा इसके पीछे मानव गतिविधियों से उत्सर्जित होने वाली ग्रीनहाउस गैसों का हाथ है और तीसरा यह कि जलवायु परिवर्तन को तर्कसंगत खर्च करके रोका जा सकता है.

जलवायु परिवर्तन कार्यक्रम के निदेशक हैंस वेरोल्मे ने कहा है कि इस रिपोर्ट के बाद कोई भी राजनीतिज्ञ यह नहीं कह सकेगा कि वह नहीं जानता कि जलवायु परिवर्तन क्या है और इसके बारे में उसे क्या करना है. इससे पहले जो रिपोर्ट प्रकाशित की गई थीं, उसकी तुलना में इस रिपोर्ट की भाषा थोड़ी कड़ी है और इसमें साफ़ कहा गया है कि परिवर्तन आकस्मिक और अपरिवर्तनीय होगा.

वेरोल्मे का कहना है, जलवायु परिवर्तन हो रहा है, इसका असर हमारी ज़िंदगी पर हो रहा है और हमारी अर्थव्यवस्था पर हो रहा है और हमें इससे निपटने के लिए कुछ करना होगा. माना जा रहा है कि आईपीसीसी के शोध और उसकी रिपोर्ट अगले महीने इंडोनेशिया में होने वाले नीति-निर्धारकों के सम्मेलन में काम आने वाली है. इस सम्मेलन के बाद जलवायु परिवर्तन पर नया अंतरराष्ट्रीय समझौता होने की संभावना है.

2 टिप्‍पणियां :

bhuvnesh sharma ने कहा…

बढिया जानकारी है.. राजनेताओं को ही क्‍यों हमें भी तो अब जाग जाना चाहिए.

वैसे आपके बारे में जानना चाहता हूं पर आपने अपनी पहचान के अलावा अपना कोई संपर्क-सूत्र भी नहीं दिया है.

गुजारिश है कि पहचान नहीं तो कम से कम अपना ई-मेल पता तो अवश्‍य दें.

bhuvnesh sharma ने कहा…

आपने अपने पिछले पोस्‍ट मे लोगों से अपील की है कि वे भी अपने स्‍तर पर पर्यावरण के लिए कुछ कर सकते हैं
मैं भी अपने स्‍तर पर पर्यावरण के लिए कुछ योगदान करना चाहूंगा. आपने ग्रीनपीस भारत और उसके सायबर सेवाओं के बारे में जिक्र किया मैं इससे कैसे जुड़ सकता हूं.

मुझे ई-मेल करें- bhuvnesh.ad@gmail.com

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