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सोमवार, 12 नवंबर 2007

कार का धुआं भी ला सकता है हार्ट अटैक

ज्यादातर लोग मानते हैं कि वायु प्रदूषण के कारण सांस लेने में तकलीफ होती है और फेफड़े क्षतिग्रस्त हो सकते हैं. एक ताजा अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि वायु प्रदूषण हृदय को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है. लंदन के डेली मेल अखबार में रविवार को प्रकाशित खबर के मुताबिक यूरोप के अनुसंधानकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया कि ईधन के धुएं की दूषित वायु रक्त प्रवाह में बाधा पहुंचाती है. इससे हृदयाघात (हार्ट अटैक) की आशंका बढ़ जाती है.

एडिनबरा विश्वविद्यालय के अनुसंधान दल के प्रमुख डाक्टर एंड्रयू लकिंग के हवाले से डेली मेल में कहा गया है कि अध्ययन से पता चलता है कि थोड़े समय के लिए भी डीजल जनित धुएं के संपर्क में आने पर उस व्यक्ति के रक्त में थक्के जमने लगते हैं. इससे रक्त वाहिनियों में अवरोध आ सकता है जिसके फलस्वरूप हृदयाघात हो सकता है. डाक्टर लकिंग और उनके ब्रिटिश तथा स्वीडिश सहयोगियों ने लोगों के एक समूह पर डीजल जनित धुएं के असर का अध्ययन करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है.

अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि व्यस्ततम इलाकों से दूर जाकर व्यायाम करने से हृदयाघात का खतरा घटाया जा सकता है क्योंकि ऐसे इलाकों में वायु प्रदूषण की आशंका कम होती है. ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन की वित्तीय सहायता से किए गए इस अध्ययन की रिपोर्ट ब्रिटेन के एक मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुई है.

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